अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 75 देशों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. जो वैश्विक व्यापार के लिए राहत की खबर लेकर आया है. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ (पारस्परिक शुल्क) पर 90 दिनों की छूट देने का फैसला किया है.
जिसके तहत इन देशों पर अब केवल 10% शुल्क लागू होगा. यह घोषणा 9 अप्रैल 2025 को की गई. जिसके बाद वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई. आइए, इस फैसले के प्रभाव, भारत पर इसके असर और वैश्विक व्यापार की स्थिति को विस्तार से समझते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ फैसला
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को “लिबरेशन डे” की घोषणा करते हुए रेसिप्रोकल टैरिफ की नीति पेश की थी. इस नीति के तहत, अमेरिका ने 90 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने की योजना बनाई थ. ताकि अमेरिकी व्यापार घाटे को कम किया जा सके. ट्रंप ने इसे “पारस्परिकता” का सिद्धांत बताया, यानी “जैसा वे हमारे साथ करते हैं. वैसा ही हम उनके साथ करेंगे. इस नीति के तहत भारत पर 27% टैरिफ लगाने की बात थी, जो भारतीय निर्यात के लिए एक बड़ा झटका हो सकता था.
हालांकि, 9 अप्रैल 2025 को ट्रंप ने अपनी योजना में बदलाव करते हुए 90 दिनों की छूट की घोषणा की. अब भारत समेत 75 देशों पर केवल 10% शुल्क लागू होगा. यह फैसला वैश्विक व्यापार के लिए राहत की सांस लेकर आया है, क्योंकि इससे भारत जैसे उभरते बाजारों को अपने निर्यात को बनाए रखने का मौका मिलेगा.
भारत पर क्या होगा असर?
भारत के लिए यह फैसला कई मायनों में फायदेमंद है भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर पहले 27% टैरिफ का खतरा था. जो अब घटकर 10% हो गया है. इससे भारतीय निर्यातकों को 90 दिनों तक राहत मिलेगी. हालांकि यह छूट केवल 90 दिनों के लिए है. अगर इस दौरान कोई स्थायी समझौता नहीं हुआ, तो टैरिफ फिर से बढ़ सकते हैं.
वैश्विक बाजारों की प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस फैसले का वैश्विक बाजारों पर सकारात्मक असर देखा गया। 9 अप्रैल 2025 को अमेरिकी शेयर बाजार में उछाल आया.

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