MP ASHTA NEWS : आष्टा के रामपुरा कला में हो रहा भव्य मां दुर्गा के गरबा का आयोजन दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

MP ASHTA NEWS : नमस्कार दोस्तों मध्य प्रदेश में स्थितआष्टा तहसील के एक गांव रामपुरा कला में मां दुर्गा के गरबे का आयोजन चल रहा है। यह बहुत ही प्राचीन गरबा है बहुत ही लंबे समय से इस गांव में गरबे का आयोजन किया जाता है। वैसे तो आष्टा तहसील के बहुत ऐसे गांव है जहां पर गरबे का आयोजन किया जाता है। लेकिन रामपुरा कला के गरबे में कुछ अलग ही बात है यहां का गरबा हर साल नवरात्रि के समापन होने के बाद दशहरे से मां दुर्गा की ज्योत खड़ी होती है जो की 15 दिनों तक चलती है।

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रामपुरा कला का गरबा आष्टा तहसील में सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलने वाला गरबा है। मान्यता के अनुसार यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। और रोजाना मान्यताओं के मुताबिक तोलादान भी किए जाते हैं। जिसमें की श्रद्धालु अपने भाव से केले सैंपल मिठाई इत्यादि से मां के दरबार में तोलादान किया जाता हैं श्रद्धालुओं को भरपूर प्रसाद भी प्राप्त होती है। रामपुर कला के गरबे की एक और खास बात यहां है कि यहां पर मां दुर्गा के गरबे की पांच आरती होती हे जो की बहुत ही लंबे समय से चलती आ रही है।

रामपुरा कला का गरबा

रामपुरा कला में चलने वाले गरबे के दौरान रात्रि में जागरण के लिए नृत्य का आयोजन भी किया जाता है। साथ में यहां की रामायण भी बहुत ही प्राचीन है। बड़े लंबे समय से यहां पर हर साल रामायण का आयोजन भी किया जाता है जिसमें नव युवक अभिनय करते हैं माना जाता है कि दशहरे से शुरू होने वाला यहां गरबा दीपावली तक चलता है जिसके बाद मां का भव्य जुलुस निकल कर विसर्जन किया जाता है।

मान्यताओं के मुताबिक रामपुर कला के मां दुर्गा के गरबे में श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और तुलादान की तो लाइन लगी रहती है 15 दिन तक मां दुर्गा के इस गरबा हर दिन अलग-अलग श्रद्धालु करवाते हैं मान्यताओं के मुताबिक अंतिम खेल मां कंकाली का किया जाता है। इस खेल की बहुत ज्यादा मान्यता है इस दिन मां दुर्गा का पूरा पंडाल श्रद्धालुओं से भरा रहता है और अंतिम दिन पूरी रात्रि जागरण किया जाता है।

कब से हुई इस गरबे की शुरुवात

सीहोर जिले के ग्राम रामपुरा कलां में मां दुर्गा का गरबा कई सालों से चला आ रहा है। इस गरबे की शुरुआत लगभग लगभग आज से 50 से 55 साल पहले हुई थी। जो आज भी बड़े ही धूमधाम से ग्रामीण जनों के द्वारा चलाया जाता है जिसमें मां दुर्गा की ज्योत दशहरे के दिन से शुरू हो जाती है। तो यहां धनतेरस तक 15 दिन लगातार चलता है। इसके साथ-साथ यहां पर कई नागरिकों की मन्नत भी पूरी होती है। तो मन्नत पूरी होने पर माता रानी के दरबार में तुलादान और खेल का आयोजन भी नागरिकों के द्वारा करवाया जाता है। और ग्रामीण के नागरिकों के द्वारा रामलीला का पाठ भी किया जाता है।

कहां है रामपुरा कला

आपकी जानकारी के लिए बता दे मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा तहसील से 30 से 35 किलोमीटर कन्नौज रोड पर रामपुर कला गांव स्थित है।

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